वंदे गंगा: जल संरक्षण जन अभियान बनेगा जन आंदोलन — श्री सुरेश सिंह रावत

 वंदे गंगा: जल संरक्षण जन अभियान बनेगा जन आंदोलन — श्री सुरेश सिंह रावत
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– सबका श्रम, सबकी सहभागिता से सजेगा जलसंरक्षण का संकल्प,

– सभी खालों की शत-प्रतिशत डिसिल्टिंग होगी सुनिश्चित,

– हर गांव में जागेगी जल चेतना, हर पौधे को मिलेगी पहचान,

– 5 से 20 जून तक चलेगा राज्यव्यापी ‘वंदे गंगा’ जन अभियान,

– एक करोड़ एक लाख पौधों का होगा पौधारोपण, जियो टैगिंग और निगरानी सुनिश्चित

जोधपुर, 04 जून। जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा है कि “वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान” केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि राजस्थान में जन चेतना का प्रतीक बनने जा रहा है। यह अभियान वर्षा जल संग्रहण, पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण और जन सहभागिता को केंद्र में रखते हुए एक जन आंदोलन का स्वरूप लेगा। उन्होंने कहा कि इसे “सबका श्रम, सबकी सहभागिता” की भावना से चलाया जाना चाहिए।

श्री रावत बुधवार को मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर, जोधपुर में आयोजित संभाग स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में जोधपुर संभाग के आठों जिलों के जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी एवं विभागीय प्रतिनिधि वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे।

जल स्रोतों का पूजन, अतिक्रमण हटाना और गोद लेना
जल संसाधन मंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर स्थित पारंपरिक जल स्रोतों का विधिवत पूजन कर जनजागरण किया जाए। राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नदी, नाले, तालाबों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें सामाजिक सहभागिता के माध्यम से गोद लेने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि उनका नियमित संरक्षण और रख रखाव सुनिश्चित हो सके।

हर गांव में होगी जल चेतना की गूंज
श्री रावत ने कहा कि यह अभियान औपचारिकता में न सिमटे, इसके लिए गांव-गांव में रथ यात्रा, कलश यात्रा, प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, दीवार लेखन व हस्ताक्षर अभियान जैसी गतिविधियां अनिवार्य रूप से करवाई जाएं। इस अभियान में जनप्रतिनिधियों के साथ महिलाओं, युवाओं, छात्रों, स्वयंसेवी संस्थाओं, एनसीसी, एनएसएस, मीडिया एवं पुलिस की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

हर खाल होगी साफ – बनेगा श्रमदान का प्रतीक
जल संसाधन मंत्री ने निर्देश दिए कि संभाग की सभी खालों की शत-प्रतिशत डिसिल्टिंग सुनियोजित तरीके से करवाई जाए। यह कार्य मनरेगा, ग्राम पंचायत एवं पटवारियों के सहयोग से किया जाए। साथ ही, बारिश में जलभराव वाले क्षेत्रों की पहले से पहचान कर समाधान की कार्ययोजना बनाई जाए।

जल विरासत को पहचान – सूचना बोर्ड जैसे माध्यमों से लोग होंगे प्रेरित
पारंपरिक तालाबों व जल संरचनाओं पर उनके ऐतिहासिक व उपयोगी विवरण वाले सूचना बोर्ड लगाए जाएं, ताकि युवा पीढ़ी को जल संरक्षण की सांस्कृतिक विरासत का बोध हो सके तथा संरक्षणकर्ताओं एवं इतिहास से आमजन प्रेरित हो सकें।

1.01 करोड़ पौधों का पौधारोपण लक्ष्य
बैठक में जानकारी दी गई कि पूरे जोधपुर संभाग में इस वर्ष 1 करोड़ 1 लाख पौधों का पौधारोपण किया जाएगा। इसमें जोधपुर में 20 लाख, पाली में 20 लाख, जालौर में 14 लाख, बाड़मेर में 14 लाख, जैसलमेर में 11 लाख, सिरोही में 11.5 लाख और फलोदी में 5.5 लाख पौधे लगाए जाएंगे।

हर पौधा बने पहचान – होगी जियो टैगिंग व निगरानी
श्री रावत ने निर्देश दिए कि प्रत्येक पौधे की जियो टैगिंग, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी की जाए और छह माह में उसके जीवित रहने की रिपोर्टिंग सुनिश्चित हो।

संवेदनशील समन्वय ही दिलाएगा सफलता
बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने ‘वंदे गंगा’ अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की और निगरानी तंत्र की जानकारी दी। बैठक में सूरसागर विधायक श्री देवेंद्र जोशी, फलोदी विधायक श्री पब्बाराम बिश्नोई, श्री त्रिभुवन सिंह भाटी, जिला कलक्टर श्री गौरव अग्रवाल, नगर निगम आयुक्त श्री सिद्धार्थ पालानीचामी, जोधपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त श्री उत्साह चौधरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्रीमती सीमा कविया, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता श्री अरुण कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

संभाग के अन्य जिलों के जिला कलक्टर एवं अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से जुड़े और अपने-अपने जिलों में प्रस्तावित गतिविधियों की कार्ययोजना साझा की।

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