जोधपुर रेल मंडल द्वारा एसी कोच में स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बैडरोल (चद्दर, ताकिये और कम्बल) करवाये जा रहें उपलब्ध

 जोधपुर रेल मंडल द्वारा एसी कोच में स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बैडरोल (चद्दर, ताकिये और कम्बल) करवाये जा रहें उपलब्ध
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बेडरौल की शिकायतों में हो रही लगातार कमी

मंडल पर प्रतिदिन 14 टन से अधिक बैडरोल की हो रही मैकेनाइज्ड धुलाई

जोधपुर, 30 नवंबर। भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता के बेडरौल देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए रेलवे बोर्ड द्वारा स्पष्ट नीति निर्धारण की गई है।

उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल पर संचालित होने वाली सभी ट्रेनों में वातानुकूलित श्रेणी के कोचों में साफ, स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरौल प्रदान किये जा रहे हैं। मंडल रेल प्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि सभी चद्दरों और पिलो कवर को प्रत्येक उपयोग के बाद मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में धुलाई और इस्त्री की जाती है ताकि यात्रियों को स्वच्छ बेडरॉल देकर उनकी आरामदायक, हाईजीन और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।

जोधपुर रेल मंडल में मरुधरा मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रिंया स्थापित की गई है। इनकी क्षमता में लगातार वृद्धि की जा रही है। अक्टूबर 2023 में इन लॉन्ड्री में धुलाई की जाने वाले कपड़ों की क्षमता को 9 टन प्रति दिन से बढ़ा कर 25 टन प्रति दिन किया गया है । इस क्षमता में दिसंबर 2024 में 4 टन प्रतिदिन की ओर वृद्धि की योजना है।

डीआरएम सिंग ने बताया कि कि कंबलों की धुलाई 2010 में जहां 3 महीने में एक बार की जाती थी, उस अवधि को घटा कर 2010 से 2 महीने में एक बार तथा वर्तमान मे 30 दिन में एक बार किया गया है। जबकि घरों में भी कंबल कभी-कभी ही धुलते हैं और ज्यादातर घरों में सिर्फ सर्दियों में धूप स्नान ही कराया जाता है। रेलवे द्वारा एसी कोच में प्रत्येक यात्री को 02 चादरें दी जाती है जिसमें से एक सीट पर बिछाने तथा दूसरी कंबल के कवर के रूप में इस्तेमाल के लिए दी जाती है। इसके अतिरिक्त एसी कोच का तापमान भी 24 के आसपास रखा जाता है ताकि कंबल की आवश्यकता ही ना पड़े और चादर ही पर्याप्त हो।

मंडल पर बेडरौल की अनुपलब्धता और गंदे या फटे बेडरौल की शिकायतों में निरंतर कमी आ रही है। पिछले वर्ष 2023-24 में कुल 785 शिकायतें रजिस्टर की गई जबकि इस वर्ष अप्रैल से नवम्बर 2024 के मध्य शिकायतों की घटकर संख्या 94 ही रही। इनमें भी अधिकतर शिकायतें केवल बेड रोल उपलब्ध नहीं होने की रही जिन्हें कुछ विलंब से बेड रोल उपलब्ध कराया गया था।

वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर अमित स्वामी ने बताया कि इसके साथ ही चादरों और कंबलों को कुछ समय बाद बदला भी जाता है तथा नए लिनेन सेट की खरीद की जाती है। मैकेनाइज्ड लॉन्ड्रियो में भी सफाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पदार्थो का इस्तेमाल किया जाता है तथा सीसीटीवी एवं स्टाफ द्वारा निरंतर निगरानी रखी जाती है। धुले हुए कपड़ों की गुणवत्ता को चेक करने के लिए व्हाइटोमीटर का इस्तेमाल किया जाता है। ।

अपर मंडल रेल प्रबंधक राकेश कुमार ने मिडिया कर्मियों को बताया कि मंडल स्तर रेल मदद पर प्राप्त बेड रोल सहित अन्य शिकायतों की निगरानी के लिए वार रूम स्थापित किए गए हैं, जो यात्रियों की शिकायत एवं फीडबैक पर निरंतर 24*7 निगरानी करते हैं।

रेलवे यात्रियों के सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा के लिए कतिबद्ध है। यात्रियों से भी अनुरोध है कि बेड रोल का उपयोग सावधानी से करें एवं इस पर खाना, गंदगी, पानी इत्यादि ना फैलाएं। ” स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत” में अपना योगदान प्रदान करें.

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