धार्मिक स्थलों के भ्रमण से न केवल हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर मिलता है

जोधपुर | पुण्यार्थ श्री माधव सेवा समिति के तत्वावधान में केंद्र संचालक एवं विभिन्न अतिथियों के साथ विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथ नाथद्वारा मंदिर के दर्शन हेतु एक विशेष भ्रमण यात्रा का आयोजन किया गया। अजय सिंह सांसी ने बताया कि इस यात्रा के लिए भामाशाहों के सहयोग से बस की व्यवस्था की गई। भोजन एवं अन्य व्यवस्थाएँ भी समिति और भामाशाहों के सहयोग से सुचारु रूप से संपन्न हुईं।
यात्रा का शुभारंभ भगत की कोठी से जिला अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गुर्जर ने भगवा ध्वज दिखाकर किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से यात्रा के नियमों का पालन करने और यात्रा को मंगलमय बनाने का आग्रह किया।
यात्रा के दौरान श्रीनाथ नाथद्वारा मंदिर में सभी प्रतिभागियों ने राजभोग दर्शन का लाभ उठाया। संपूर्ण यात्रा का नेतृत्व जोधपुर महानगर प्रभारी बाली सिंह ने किया। यात्रा के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के बारे में महानगर कोषाध्यक्ष दिलीप लांबा ने प्रतिभागियों को जानकारी दी। इसके साथ ही सूरसागर प्रभारी नीलम बंसल, बासनी प्रभारी रोचित शर्मा, और रातानाडा प्रभारी अजय सिंह सांसी ने यात्रा की विभिन्न व्यवस्थाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया।
भ्रमण के दौरान प्रतिभागियों ने श्रीनाथजी मंदिर के अलावा विश्व प्रसिद्ध “विश्वस्वरूपम” शिव प्रतिमा के भव्य परिसर का भी दौरा किया। नाथद्वारा में स्थित यह विशाल शिव प्रतिमा आधुनिक मानसिक शांति केंद्र के रूप में जानी जाती है। प्रतिभागियों ने यहाँ के मनोरम दृश्यों और रोचक गतिविधियों का भरपूर आनंद लिया। इसके बाद, सभी ने आशापुरा नाडोल धाम के मंदिर में दर्शन कर यात्रा का समापन किया।
महानगर कोषाध्यक्ष दिलीप लांबा ने कहा:
“धार्मिक स्थलों के भ्रमण से न केवल हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर मिलता है, बल्कि यह मन को शांति और स्थिरता भी प्रदान करता है। इस प्रकार की यात्राएँ नैतिक मूल्यों जैसे सत्य, अहिंसा, दया और करुणा को आत्मसात करने का अवसर देती हैं। इसके साथ ही मंदिरों और धार्मिक स्थलों की प्राचीन वास्तुकला और इतिहास को जानने-समझने का भी अवसर मिलता है। इस यात्रा में परिवार और समुदाय के साथ बिताया गया समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
महानगर प्रभारी बाली सिंह ने कहा:
“समिति हर वर्ष विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। इनमें बाहरी भ्रमण भी शामिल है, जो ऊर्जा, आपसी एकता, प्रेम और सामाजिक बंधुत्व को बढ़ावा देता है। नए स्थानों पर जाकर वहाँ की संस्कृति और महत्व को समझने का यह एक बेहतरीन अवसर है। यह यात्रा हमारी पारिवारिक और सामाजिक व्यवस्था का अभिन्न अंग है।”