श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल की शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल

 श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल की शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल
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केएनके कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज में छात्रों को मिलेगी 10% फीस में विशेष छूट

“जहां आस्था है, वहां अवसर भी है – मंदिर संस्थान का अभिनव शैक्षणिक प्रयास”

जसोल, राजस्थान- “सेवा ही धर्म है” की भावना को अपने कार्यों में मूर्त रूप देते हुए, श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक नई शुरुआत की है। सामाजिक सरोकारों और जनहित को समर्पित इस संस्थान ने अब उच्च शिक्षा को आमजन तक सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंदिर संस्थान ने घोषणा की है कि अब दिल्ली स्थित केएनके कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज में BNYS (बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज) पाठ्यक्रम में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों को फीस में 10% की विशेष छूट दी जाएगी। यह छूट संस्थान के विशेष सहयोग से दी जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी चिकित्सा शिक्षा का सपना साकार कर सकें।

संस्थान का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान- परंपरा से आधुनिकता की ओर
श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल अपने धार्मिक स्वरूप से कहीं आगे जाकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों-विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण में विगत वर्षों से सक्रिय भूमिका निभा रहा है। ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शिक्षा का प्रचार – प्रसार, छात्रवृत्तियों का वितरण, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन और नैतिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार संस्थान मुख्य उद्देश्य रहे हैं। अब इस ऐतिहासिक पहल से संस्थान ने शिक्षा को सेवा के साथ जोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

यह नया प्रयास
केएनके कॉलेज के साथ यह शैक्षणिक भागीदारी मंदिर संस्थान की सोच को दर्शाता है कि “भविष्य निर्माण शिक्षा, सेवा और संस्कार से होता है।”

केएनके कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज, दिल्ली का एक अग्रणी संस्थान है, जिसे यूजीसी एवं आयुष मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है और यह नेचुरोपैथी रजिस्ट्रेशन बोर्ड (NRB) से भी पंजीकृत है। यह कॉलेज आधुनिक चिकित्सा और योग विज्ञान का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है, साथ ही साथ यहाँ प्रवेश प्रक्रिया को भी सरल और समावेशी बनाया गया है। 12वीं कक्षा में PCB विषयों के साथ न्यूनतम 45% अंक प्राप्त करने वाले छात्र भी इस कोर्स में प्रवेश के पात्र हैं, जिससे अधिक से अधिक छात्रों को अवसर मिल सके।

साढ़े पांच वर्ष की अवधि वाले इस कोर्स में अंतिम वर्ष में इंटर्नशिप भी शामिल है, जो छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती है। केएनके कॉलेज के साथ एक 150 बेड वाला मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी संबद्ध है, जहां इलाज के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्तर के वरिष्ठ नेता भी आते रहे हैं। यह कॉलेज दिल्ली में नैचुरोपैथी और योग आधारित चिकित्सा की शिक्षा के क्षेत्र में एक विश्वासपात्र संस्थान बन चुका है। इस कोर्स के लिए आप अधिकृत मेल admission@knkcnys.com अथवा मोबाइल 8130772801 पर संपर्क कर सकते है।

इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्रों को भविष्य में राजस्थान प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में नियुक्ति का भी अवसर प्राप्त हो सकता है, जो न केवल एक करियर की दृष्टि से आशाजनक है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को भी मजबूत करता है।

इस बारे में श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान समिति सदस्य कुं. हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने कहा, “संस्थान का यह प्रयास इस सोच से प्रेरित है कि कोई भी छात्र केवल संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से वंचित न रह जाए। डॉक्टर बनने का सपना अब सिर्फ बड़े शहरों का विशेषाधिकार नहीं रहना चाहिए, बल्कि गांव-कस्बों के छात्रों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। हम चाहते हैं कि शिक्षा, सेवा और संस्कार के मूल्यों से प्रेरित होकर हर युवा सशक्त भारत के निर्माण में योगदान दे।”

संस्थान ने स्पष्ट किया है कि यह पहल सिर्फ एक छात्रवृत्ति योजना नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसमें शिक्षा को समाज की रीढ़ माना गया है। इसका उद्देश्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि ऐसा मानवीय डॉक्टर तैयार करना है जो समाज की सेवा को अपने कर्तव्य का हिस्सा समझे। संस्थान का यह स्पष्ट संदेश है कि “शिक्षा से ही बनेगा सशक्त भारत”

डॉक्टर गोविंदा त्रिवेदी जो राजस्थान से है एवं श्री राणीसा भटियाणीसा के परम भक्त भी है और खुद संस्थान दिल्ली के हेड भी है, ने कहा कि में संपूर्ण राजस्थान के मेधावी छात्रों से आव्हान करता हूं कि आप मेरी तरह इस कोर्स का हिस्सा बनकर डॉक्टर बने तथा अपने परिवार एवं अपने देश का नाम रोशन करें।

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