रेलवे के वित्तीय मामलों में पारदर्शिता लाएगा PARAMAN प्रोटोकॉल-जोधपुर मंडल द्वारा विकसित नवाचार पहली मई से होगा प्रभावी-अब गारंटी/धनराशि का भुगतान बिना ठोस प्रमाण-पत्र के नही होगा

जोधपुर,25 अप्रेल। वित्तीय मामलों में व्यापक पारदर्शिता लाने के महत्ती उद्देश्य से जोधपुर रेल मंडल पर किया गया नवाचार ‘प्रोटोकॉल फॉर रेलवेज एक्टिव मनी रिसिप्ट अकवेंट्स नेटवर्क’ (PRAMAN) पहली मई से प्रभावी हो जाएगा।
लागू होने वाली इस नई व्यवस्था के माध्यम से अब विभिन्न विभागों द्वारा कार्य,सेवा एवं अर्जन से जुड़े ठेकों के लिए जमा डीडी, चेक,बीजी, और एफडीआर से संबंधित रसीदों की पुष्टि और मोनिटरिंग और अधिक सुरक्षित,सुदृढ़ और पारदर्शी हो सकेंगी।
जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी के निर्देश पर वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक विक्रम सिंह सैनी की देखरेख में उनकी टीम द्वारा किए जा रहे इस नवाचार के तहत पावती प्रमाण-पत्र के माध्यम से प्रत्येक जमा रसीद को मंडल वित्त कार्यालय से एक विशिष्ट पंजीकरण नंबर (यूआरएन) दिया जाएगा जिससे उसका ट्रेकिंग और सत्यापन संभव होगा।
उपरोक्त माध्यमों से धनराशि रेलवे के खाते में क्रेडिट होने के बाद ही संबंधित को पावती प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा,तभी किसी भुगतान की पुष्टि मान्य होगी। बिना वित्त विभाग के लिखित प्रमाण-पत्र के कोई भी एफडीआर/बीजी बाहरी फर्म के पक्ष में जारी नही की जा सकेगी।
रेलवे बोर्ड भी लागू कर रहा एकीकृत राष्ट्रीय पोर्टल
वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने भी सभी प्रकार के कार्य,सेवा एवं अर्जन संबंधित ठेकों के तहत सभी जमा प्राप्तियों के लिए ऑनलाइन पेमेंट पोर्टल लागू करने के निर्देश दिए हैं। जब तक यह सिस्टम पूर्ण रूप से लागू नहीं हो जाता तब तक के लिए PARAMAN प्रोटोकॉल के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा कार्य, सेवा एवं अर्जन संबंधी ठेकों के लिए जमा डीडी, चेक, बिजी और एफडीआर से संबंधित रसीदों की पुष्टि और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी।
रसीदों की स्वीकृति और सत्यापन वित्त विभाग द्वारा ही होगा
लागू की जा रही नई व्यवस्था के तहत ठेकेदार/फॉर्म को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी दस्तावेज केवल अधिकृत माध्यमों से संबंधित फील्ड यूनिट/ कार्यकारी कार्यालय में जमा किए जाएं। इन रसीदों की स्वीकृति और सत्यापन मंडल के वित्त विभाग द्वारा किया जाएगा और बिना उसके किसी लिखित प्रमाण- पत्र के कोई भी गारंटी/ धनराशि जारी नहीं की जाएगी।