भोजवाल महाकुंभ के आयोजक अरुण भोजवाल के आह्वान पर हजारों की संख्या में पूरे देश से भोजवाल समाज के लोग हुए शामिल।

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लखनऊ। भोजवाल समाज ने महाकुंभ रैली कर जातीय जनगणना, आर्थिक सर्वे, सर्वाधिक पिछड़े का दर्जा, शासन प्रशासन सत्ता में भागीदारी, देश की सभी विधायिकाओं में आरक्षण की मांग रखी। जातिगत जनगणना, आर्थिक सर्वे, भोजवाल भुर्जी हलवाई बिरादरी के सभी उपनामधारी समूहों को सर्वाधिक पिछड़े वर्ग में शामिल करके संख्यानुसार कार्यपालिका, न्यायपालिका, डिफेंस आदि सभी सरकारी, अर्ध सरकारी नौकरियों एवं लोकसभा, राज्यसभा सहित भारत की सभी विधायिकाओं में भोजवाल समाज समूह के लिए स्थान आरक्षित करने की मांग आज लखनऊ के कैसरबाग स्थित गांधी भवन प्रेक्षागृह में आयोजित विशाल भोजवाल राजनीतिक अधिकार महाकुंभ रैली में की गई। महाकुंभ कार्यक्रम में परंपरागत मिष्ठान, चना चबेना, चरबन, भोजन का व्यवसाय करने वाले कान्यकुब्ज, भुर्जी हलवाई, यज्ञ सेनी, मोदनवाल, मद्धेशिया, कानू कान्दू, चंद्रा, चंद्रवंशी, श्रीवास्तव, भुजिया, भूज, भड़भूजा, भुजवा, सक्सेना, भटनागर, कश्यप, गौड़, गोड़िया, क्रौंच, मोरया, कान्दविक, मधु, धुरी, राजस्थान के भड़भूजा राजपूत, वैश्य, चौड़ा, कन्दोई, ज्वालिया, परदेसी हलवाई सहित समाज के 60 से अधिक अलग-अलग उपनामों से जाने पहचाने जाने वाले समूह के लोग शामिल हुए। सरनेम भोजवाल को उ.प्र. की पिछड़ा वर्ग सूची में क्रमांक 38 पर अंकित कर शब्द भुर्जी, भड़भूजा, के साथ शामिल करने और सर्वाधिक पिछड़े वर्ग में शामिल करने की मांग की गई। समारोह में वक्ताओं ने कहा भोजवाल समाज पूरे देश में फैला हुआ है गली मोहल्लों, बस, रेलवे स्टेशनों के आसपास पूड़ी कचौड़ी, चना चबेना मूंगफली, चाट ,खोन्चा वालों, मिठाई की दूकान, ढाबा वालों, शादी बारात में मिष्ठान, भोजन बनाने वालों के रूप में मिल जाएंगे। स्थान, समय और परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग नाम रख लिए हैं। हमारा समाज सामाजिक आर्थिक शैक्षिक एवं राजनीतिक रूप से अत्यधिक पिछड़ा हुआ है। बराबरी पर लाने के लिए सरकार व सभी राजनैतिक दलों से विशेष सहयोग देने की मांग की गई। बताया गया कि अलग-अलग नामों में बंटे होने के कारण भोजवाल समाज का संख्या बल कमजोर दिखाई पड़ता है। भोजवाल नाम के साथ सभी उपनामधारी समूहों के एक साथ जुड़ जाने से यह संख्या बल 7 प्रतिशत से अधिक होने का दावा किया गया। कहा गया कि आवश्यकता पड़ी तो भोजवाल समाज स्वयं अपनी राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव में उतरेगी। भोजवाल समाज की मांगों को जो राजनीतिक दल लागू करेगा। उसके समर्थन पर विचार किया जा सकता है। आगे से वोट हम उसी राजनीतिक दल को देंगे जो हमें हमारे अधिकार दिलाने की अगुवाई करेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. स्वामीदीन भोजवाल, आगंतुक अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम आयोजक एडवोकेट अरुण भोजवाल आजाद, संयोजक सन्तोष भोजवाल शिवाजी सहसंयोजक राजकुमार भुर्जी ने किया जय नारायण गुप्ता भारती, शिवराम दिलीप युगल दिनेश भोजवाल, राजकिशोर, शिवनाथ, दीपक, रामबाबू भोजवाल सहित हजारों की संख्या में भोजवाल समाज के लोग उपस्थित रहे।

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