जसोलधाम में दुर्गाष्टमी पर विशेष हवन पूजन

राज्य मंत्री कृष्ण कुमार विश्नोई ने लिया दर्शन लाभ
महंत नारायण गिरी जी ने दिए आशीर्वचन
जसोल। बालोतरा।
श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल में दुर्गाष्टमी के पावन अवसर पर विशेष हवन पूजन का आयोजन किया गया।
महंत नारायण गिरी जी के सानिध्य में हुआ हवन
पवित्र हवनकुंड में विगत आठ दिनों से जारी धार्मिक अनुष्ठानों के अंतर्गत अष्टमी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष तथा श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर (गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश) श्री श्री 1008 महंत श्री नारायण गिरी जी महाराज के पावन सानिध्य में आहुतियां अर्पित की गईं।
संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल ने मां जसोल के असंख्य भक्तों की सम्पूर्ण मनोकामना पूर्ति हेतु संकल्प के साथ विधिविधान से पूजा-अर्चना कर हवन में आहुतियां अर्पित की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा सचिव सिद्धार्थ दीप और समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल सहित अनेक लाभार्थी जोड़ों ने संपूर्ण जगत के कल्याण को लेकर आहुतियां अर्पित की।
राज्य मंत्री ने किए दर्शन
राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री (उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल विभाग, कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता, नीति निर्धारण विभाग) कृष्ण कुमार विश्नोई ने जसोलधाम पधारकर श्री राणीसा भटियाणीसा, श्री बायोसा, श्री सवाईसिंह जी, श्री लाल बन्ना सा, श्री खेतलाजी एवं श्री काला-गौरा भैरूजी जी के मंदिरों में दर्शन लाभ अर्जित किया।
इसके बाद उन्होंने पवित्र हवनकुंड में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली को लेकर मंगल कामनाएं की।
दर्शन लाभ उपरांत मंत्री विश्नोई ने संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के निज निवास (रावलगढ़ – जसोल) पर पहुंचकर रावल साहब से शिष्टाचार भेंट की और महंत श्री नारायण गिरी जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल भी मौजूद रहे।
महंत श्री नारायण गिरी जी महाराज के आशीर्वचन
इस अवसर पर महंत श्री नारायण गिरी जी महाराज ने कहा कि नवरात्रि के नौ दिवस देवी उपासना के लिए अत्यंत शुभ माने गए हैं। इनमें विशेषकर अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा कि अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन, भोजन और उपहार अर्पण करने से भक्तों को देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हवन, मंत्र, दान और कन्या पूजन करने से जीवन से भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।