राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस

“रक्तकोष फाउंडेशन द्वारा अब तक करवाया गया 1 लाख 50 हजार यूनिट रक्तदान, रक्तदान को आदत बनाने का आह्वान”
रक्तदान को महादान कहा गया है, क्योंकि यह एक ऐसा उपहार है जो सीधे किसी की ज़िंदगी बचाता है। रक्त न तो किसी फ़ैक्ट्री में बन सकता है और न ही इसकी कोई कृत्रिम दवा है, इसलिए ज़रूरत पड़ने पर एक इंसान का रक्त ही दूसरे इंसान की जान बचा सकता है।
इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए रक्तकोष फाउंडेशन ने अपने अब तक के सफर में मानवीय सेवा की एक नई मिसाल कायम की है।
कोषाध्यक्ष नितिशा शर्मा ने बताया की रक्तकोष फाउंडेशन द्वारा आयोजित विभिन्न शिविरों और अभियानों में अब तक कुल 1 लाख 50 हज़ार यूनिट से अधिक रक्तदान कराया जा चुका है। यह उपलब्धि न केवल संगठन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है बल्कि समाज के उन तमाम लोगों की संवेदनशीलता और सहयोग का भी प्रमाण है, जिन्होंने समय-समय पर रक्तदान करके किसी अनजाने जीवन में आशा की किरण जगाई।
रकतकोष फाउंडेशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज सुथार ने बताया की…फाउंडेशन का मानना है कि रक्तदान कोई दान नहीं, बल्कि मानवता के प्रति कर्तव्य है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि नियमित रक्तदान न केवल दूसरों की जान बचाता है, बल्कि दाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।
रक्तकोष फाउंडेशन जोधपुर अध्यक्ष जितेन्द्र बांता ने बताया की अभी तक हमने जोधपुर जिले मे 150 से ज्यादा रक्तदान शिविर आयोजित करके 8000 यूनिट रक्त संग्रहित किया है और इमरजेंसी मे रक्तदान करवा के रक्त की आपूर्ति करवाई है….
रक्तकोष फाउंडेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल बिश्नोई ने बताया की रक्तकोष फाउंडेशन ने विगत 7 वर्षों में रक्तदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए मानव सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस अवधि में संस्था द्वारा अब तक 1 लाख 50 हजार यूनिट रक्त संग्रहित किया गया तथा जरूरतमंद मरीजों तक समय पर रक्त पहुँचाने के लिए सदैव रक्तदाताओं को प्रेरित किया गया।
रक्तकोष फाउंडेशन जोधपुर कार्यकारणी मे जिलाध्यक्ष जितेन्द्र बांता संयोजक कैलाश मेघवाल महिला प्रभारी विनीता व्यास और सहसंयोजक मयंक व्यास है ।