रक्तदान करने पहुंचे दूल्हा राजा: “राष्ट्र सर्वोपरि है, विवाह बाद में!”रातानाडा क्षेत्र में युद्ध जैसी परिस्थितियों के बीच हुआ प्रेरणादायक रक्तदान शिविर

जोधपुर | जहां एक ओर देश युद्ध जैसे हालात का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे संवेदनशील और जागरूक नागरिक भी हैं जो राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि मानते हैं। अजय सिंह सांसी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने अपने विवाह जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर भी रक्तदान कर एक अनुकरणीय मिसाल पेश की।
रातानाडा क्षेत्र में श्री बालाजी मेडिकल टीम द्वारा नरपत सिंह की अध्यक्षता में एक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शिविर में दर्जनों लोगों ने भाग लिया, लेकिन माहौल भावुक हो गया जब दूल्हा राजा अजय सिंह सांसी रक्तदान के लिए मंच पर पहुँचे। उपस्थित जनसमूह ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया।
युद्ध जैसे हालात और रक्त की आवश्यकता: देश की सीमाओं पर तनावपूर्ण वातावरण बना हुआ है। सेना और सुरक्षा बल पूरी तत्परता के साथ तैयार हैं। ऐसे में रक्त की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक हो जाती है। आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की भागीदारी ही राष्ट्र को मजबूती प्रदान करती है — और रक्तदान, इस दिशा में सबसे सशक्त योगदान माना जाता है।
अजय सिंह सांसी का ओजपूर्ण वक्तव्य:
“जिस प्रकार श्रीराम लंका विजय के समय पुल निर्माण में गिलहरी के योगदान को भी महत्व दिया गया, वैसे ही मेरा यह रक्तदान देश के लिए एक छोटी-सी सेवा है। मैं युद्धभूमि में नहीं जा सकता, परंतु रक्त देकर उन वीरों के साथ खड़ा हो सकता हूँ जो सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा:
“मैं एक स्वयंसेवक हूँ, और एक स्वयंसेवक के लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। व्यक्तिगत जीवन की खुशियों से ऊपर, मेरा धर्म और कर्तव्य है कि मैं समाज और देश के लिए खड़ा रहूं। यह दिन मेरे विवाह का है, परंतु मेरे लिए पहले राष्ट्र है। देशभक्ति केवल वर्दी पहनने से नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठा से होती है — चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो।”
अजय सिंह सांसी का यह साहसी और प्रेरणादायक कदम आज के युवाओं के लिए एक उदाहरण बन गया है। उन्होंने यह दिखा दिया कि निजी जीवन और राष्ट्रधर्म में संतुलन कैसे साधा जा सकता है। उनके इस समर्पण की चारों ओर प्रशंसा हो रही है।
श्री बालाजी मेडिकल टीम सहित संपूर्ण क्षेत्रवासियों ने उनके इस निर्णय की सराहना की और कहा कि यह रक्तदान शिविर विशेष रूप से वर्तमान युद्ध जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया था।