पृथ्वी दिवस पर जल संरक्षण हेतु आगे आई जल सहेलियांजल सहेलियों ने पुनावली कलां में चेकडैम बचाने के लिए दो दिन तक किया श्रमदान

 पृथ्वी दिवस पर जल संरक्षण हेतु आगे आई जल सहेलियांजल सहेलियों ने पुनावली कलां में चेकडैम बचाने के लिए दो दिन तक किया श्रमदान
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झांसी – जल संकट की मार झेल रहे बुंदेलखंड में जल सहेलियाँ एक बार फिर उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं। झांसी के पुनावली कलां गांव में, जहाँ तापमान 40 डिग्री को पार कर चुका है, वहाँ की जल सहेलियों ने सिद्ध बाबा चेकडैम की क्षतिग्रस्त स्थिति को सुधारने के लिए दो दिन तक लगातार श्रमदान किया।
यह चेकडैम रामघाट नहर से जुड़े एक नाले में स्थित है और वर्षों से पूरे क्षेत्र के लिए एक अहम जल स्रोत रहा है। लेकिन हाल ही में इसके टूट जाने के कारण पानी व्यर्थ बहने लगा था। इस संकट को देखते हुए गांव की जल सहेलियाँ आगे आईं और बोरी बंधान तकनीक से बहते पानी को रोकने का साहसी कार्य किया।

इन्हें न कोई सरकारी सहायता मिली, न संसाधन – फिर भी बोरी से लेकर श्रम तक का पूरा खर्च इन्होंने खुद उठाया | इससे पहले जल सहेलियों ने झांसी जिले के अठोंदना गांव में बह रही पहूज नदी पर भी जल स्तर में गिरावट को देखते हुए बोरी बंधान किया था। यह कार्य भी सामूहिक श्रमदान से किया गया था, जिससे नदी के आसपास के गांवों को राहत मिली। इस श्रमदान में भाग लेने वाली जल सहेलियाँ रानी, रूबी अहिरवार, शिखा, आशा, सगुन, मनीया, कलावती, नेहा, राधा, केशकली, काजल, देवा, सीमा, नीलम, रामवती, हरकूं, सरोज, रक्षा, ममता, राजकुमारी, दीपा, उर्मिला, कमला, कविता और रामसखी थी |

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