सिगरती देवी मौचकिया का 115 वर्ष की आयु में निधन

जोधपुर। रतनाडा स्थित सांसी कॉलोनी की निवासी सिगरती देवी मौचकिया का आज 115 वर्ष की पूर्ण आयु में देहावसान हो गया। उन्होंने स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीते हुए देव लोक गमन किया। सिगरती देवी अपने समुदाय और क्षेत्र की सबसे बुजुर्ग महिला थीं। उनके सभी पुत्र 80 से 90 वर्ष की आयु के हैं और अधिकतर राजकीय सेवा में और कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सुख संपन्न परिवार है।
अजय सिंह सांसी ने बताया कि सिगरती देवी का इतिहास में योगदान भी उल्लेखनीय रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी और समाज के विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यों में भी उनकी भागीदारी रही। उन्होंने पूरे परिवार को शिक्षित किया और अपने जीवन के अंतिम समय तक भी अपने दैनिक कार्य स्वयं करती रहीं। अपनी लंबी आयु का श्रेय उन्होंने नियमित शारीरिक परिश्रम और शुद्ध खान-पान को दिया।
सिगरती देवी ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा स्वयं खेती-बाड़ी और सब्जियों की देखभाल में बिताया। उन्होंने केवल अपने घर की उगाई सब्जियों का ही उपयोग किया और बाहरी मिलावटी खाद्य पदार्थों से परहेज किया। उनका मानना था कि बाजार की सामग्री मिलावटी होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसी कारण उन्होंने शुद्ध भोजन और कड़ी मेहनत को अपनाया, जो उनकी लंबी आयु का रहस्य था। अपने जीवन के अंतिम समय में भी वे मोहल्ले और बस्ती में घूम-घूमकर सभी से राम-राम करती रहीं।