अक्षय तृतीया: अकाल-सुकाल और जमाने की ‘धणी’

आने वाले वर्षकाल में काल की प्रकृति (अकाल-सुकाल) को लेकर सभी को चिंता रहना वाजिब है। इन्ही चिंताओं के निवारण और काल की सम्भावनाओं को जानने के लिए 300 से ज्यादा बरसों से घाँची समाज जोधपुर प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया के दिन ‘धणी’ नामक धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करता रहा है, इसमें धार्मिक अनुष्ठान, हवन यज्ञ द्वारा आगामी वर्ष में अकाल-सुकाल, जमाना (समय), बीमारी, राजनैतिक उथलपुथल इत्यादी की सम्भावनाओं को व्यक्त किया जाती है। समाज में जानकार वरिष्ठ लोग बताते हैं की धणी अनुष्ठान के माध्यम से आने वाले जमाने को लेकर जो सम्भावनायें व्यक्त करी जाती है, वे बहुत हद तक सही साबित होती रही है।
सोजतिया बास घाँची समाज विकास समिति के उपाध्यक्ष मगराज भाटी ने बताया कि हर वर्ष की भाँति आज बुधवार 30 अप्रेल 2025 के दिन इस अक्षय तृतीया को धणी अनुष्ठान का आयोजन समिति द्वारा स्थानीय घाँची समाज बगेची, बाई जी का तालाब में दोपहर 11 बजे से लेकर 5 बजे के बीच किया गया। इस दौरान हवन में खपच्ची लेकर खड़े रहने वाले दो लड़कों को 8 बार बदला गया, इस परंपरा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्य जागेश्वर जी महाराज के साथ सहयोग के लिए भागवत नन्दन सचिन महराज को भी रखा गया।
समिति अध्यक्ष गंगाराम सोलंकी व समिति सचिव कमलेश भाटी ने बताया कि इस बार धणी ने यह संकेत दिए हैं कि काल शुकाल स्थिति बराबर रहेगी
घाँची समाज के निम्न माननीय सदस्य उपस्थित रहे। किशोर चन्द भाटी घांची महासभा महासचिव, पार्षद अशोक भाटी, अचलूराम सोलंकी कोषाध्यक्ष महासभा,मुलचंद भाटी अध्यक्ष भगत की कोठी, श्रीकिशन भाटी,पूर्व महासचिव राजेश सोलंकी, मनोहरलाल भाटी अध्यक्ष रातानाडा विकास समिति, पुखराज सोलंकी, रमेश सोलंकी, कैलाश परिहार अध्यक्ष मिल्क मेन कॉलोनी, मोहनलाल भाटी शशि कुमार सोलंकी, पंकज भाटी अध्यक्ष नवयुवक मंडल, तुलसीराम भाटी अध्यक्ष कर्मचारी संघ, अशोक बोराणा अध्यक्ष घांची समाज जी 7, महेंद्र परिहार विधिसलाहकार महासभा,कमलेश सोलंकी, श्याम भाटी, जितेन्द्र सोलंकी, अर्जुन सोलंकी, छवरलाल भैरावत, नरेश भाटी, प्रमोद पवार, छगनलाल बोराणा, महेंद्र परिहार गोरु ,सुरेन्द्र परिहार उपस्थित ।