विकास के लिए पृथक बुंदेलखंड राज्य जरूरी है – कुँवर सत्येन्द्र पाल सिंह

बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया
झाँसी। बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुँवर सत्येंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में बुंदेलखंड राज्य के पुनः निर्माण की मांग को लेकर बुंदेलखंड क्रांति दल ने जोरदार प्रदर्शन किया, नारेबाजी की। कार्यकर्ता बुन्देलखण्ड तो लेंगे लेंगे – जैसे दोगे वैसे लेंगें , प्रधानमंत्री वादा निभाओ – बुन्देलखण्ड राज्य बनाओ आदि नारे लगा रहै थे । जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर नगर मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपकर शीघ्र पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की मांग की ।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं क संबोधित करते हुए हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष कुँवर सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा की हम बुन्देलखण्ड राज्य लेकर रहेंगे । बुंदेलखंड का विकास केवल पृथक राज्य निर्माण से संभव है । बुंदेलखंड को लूटा जा रहा है। बुंदेलखंड से कलेक्ट होने वाला टैक्स बुंदेलखंड में खर्च नहीं किया जा रहा है। बुंदेलखंड में गरीबी है, शिक्षा का अभाव है, रोजगार का सृजन नहीं है, किसान सिंचाई के लिए परेशान है, विकास की योजनाएं चलाई नहीं जा रही है। आज हम इसलिए पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर आये हैं क्योंकि 01 नबम्वर 1956 को जवाहर लाल नेहरू ने बुंदेलखंड राज्य समाप्त कर हमारे साथ अन्याय किया था 1956 के बाद बिना किसी राज्य पुनर्गठन आयोग के हिंदुस्तान में अनेकों राज्य बनाए गए हैं , लेकिन बुंदेलखंड का राज्य नहीं बनाया । यह बुंदेलखंड के साथ अन्याय है। आज हम सरकार से मांग करते हैं की बुंदेलखंड राज्य को भी शाीघ्र बनाया जाये।
ज्ञापन में कहा गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे बुन्देलखण्ड की जनसंख्या 1,83,34,753 है। बुन्देलखण्ड के पास 70,592 वर्ग किलोमीटर भूमि है। यदि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के 14 जिलों को मिलाकर बुन्देलखण्ड राज्य बनाया गया तो अपनी जनसंख्या के अनुसार देश का 19 वां और जमीन के अनुसार देश का 18 वें नंबर का राज्य होगा। बुन्देलखण्ड छोटा राज्य नहीं होगा।
सन 1956 में 14 राज्य व् 06 केन्द्र शासित राज्य बनाये गये। 01 नवंबर 1956 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पृथक बुन्देलखण्ड राज्य को समाप्त कर बुन्देलखण्ड राज्य को दो भागो में विभाजित कर उत्तर प्रदेश व् मध्य प्रदेश में बांट दिया गया। तब से अनेक राज्य बनाए गए लेकिन बुन्देलखण्ड की हमेशा उपेक्षा की गई है।
ज्ञापन में कहा गया कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान झाँसी संसदीय चुनाव क्षेत्र की रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने जी ने स्वंय माननीय प्रधानमन्त्री श्री मोदी जी के समक्ष बुन्देलखण्ड की जनता से वायदा किया था कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार आयी तो तीन वर्ष के भीतर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बना दिया जाएगा , लेकिन बहुत दुःख है कि इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
ज्ञापन में कहा गया कि आजादी के बाद 12 मार्च 1948 को पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बनाया गया था। पृथक बुन्देलखण्ड राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्री कामता प्रसाद सक्सेना बने थे ,नौगांव को पृथक बुन्देलखण्ड राज्य की राजधानी बनाया गया था। पृथक बुन्देलखण्ड राज्य लगभग 08 साल रहा। ,01 नवम्बर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम देश की संसद में पारित हुआ। अब जरूरत है कि बुंदेलखंड को पृथक राज्य बनाया जाए।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा शारदा शर्मा, जिलाध्यक्ष विनोद वर्मा, हरिशंकर शर्मा,राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा मोर्चा शरद प्रताप सिंह एड ,
दलित मोर्चा अध्यक्ष देवेंद्र अहिरवार, यशपाल सिंह बृज किशोर , रामबाबू कुशवाहा, हरिकिशोर रजक, जामिन हुसैन, बाबूराम अहिरवार , शेख अरशद , राज सिंह शेखावत, मो. आरिफ कमाल प्रदेश अध्यक्ष अल्प संख्यक मोर्चा, प्राची कुमारी, महक लिखार, आयुष तिवारी, लोकेंद्र परिहार प्रदेश अध्यक्ष मजदूर मोर्चा, दुर्गा प्रसाद, राम प्रसाद धानुक, मो. जाकिर उपस्थित रहे।