ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने दिया ज्ञापन

झांसी! शीतकालीन सत्र-2024 संसद के राज्यसभा में अपने अभिभाषण के दौरान आदरणीय अमित शाह, गृहमंत्री भारत सरकार द्वारा एक वक्तव्य “अभी एक फैशन हो गया है- अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर, अम्बेडकर; इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता” दिया गया जिसे देश ही नहीं विश्व ने भी देखा और सुना। गृहमंत्री साहब का यह वक्तव्य संसद की संवैधानिक मर्यादाओं, दायित्वों और अनुशासन के पूर्णता विपरीत है। संसद के राज्यसभा में यह वक्तव्य भारतीय संविधान निर्माता बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी का अपमान ही नहीं परिलक्षित करता अपितु बाबा साहब डा. अम्बेडकर जी के व्यक्तित्व, उनके संघर्षों और देश के प्रति असीम प्रगाढ़ प्रेम को भी अपमानित और तिरस्कृत करता है। यह वक्तव्य संसद की अस्मिता, अस्तित्व और गौरव को भी धूमिल करता है साथ ही इस देश के करोड़ों नागरिकों की भावनाओं को आहत कर ठेस पहुंचता है।
अतः इस ज्ञापन के माध्यम से देश के करोड़ों नागरिकों की भावनाओं के दृष्टिगत ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, उत्तर प्रदेश यह मांग करती है कि आदरणीय अमित शाह, गृहमंत्री भारत सरकार संसद के राज्यसभा में अपने दिए गए कथित वक्तव्य के लिए बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर क्षमा प्रार्थी होना स्वीकार करें अन्यथा अपने पद